Tuesday, October 18, 2016

बड़ी सी कहानी 


चुकलू को एक बड़ी सी कहानी सुननी थी... जो देर तक चलती जाए.... शुरू किया हमने और जोड़ते गए, जोड़ते गए.... till my best!!! और इस कहानी में बहुत सारे जानवर होने थे !!! तो बस बनने लगी एक नयी कहानी....

 हालांकि वो ज्यादा खुश तो नहीं हुआ क्योंकि कहानी बहुत बड़ी नहीं हुई.... पर satisfied था।

दोस्ती की कहानी 


एक जंगल में एक गैंडा घूम रहा था।  तभी इसे सामने से एक बैल आता दिखाई दिया।  दोनों ने एक दुसरे को देखा।  बैल को गैंडा नहीं पसंद आया और गैंडे को भी बैल नहीं पसंद आया।  वो दोनों लड़ाई करने लगे।  दोनों को खून निकलने लगा।  खूब चोट लगी और दोनों थक के गिर गए।  तभी वहा से एक man गुजर रहा था।  उसने दोनों को देखा और खूब डांटा - इतनी लड़ाई करते हो, शर्म नहीं आती , देखो कितनी चोट लगी है।  चलो अपने अपने घर जाओ।  डांट खा के वो दोनों अपने घर चले चले गए।

बैल की मम्मी ने घर में देखा की इसे इतनी चोट लगी है तो पुछा इतनी चोट कैसे लगी? बैल ने सोचा, सच बताऊंगा तो फिर से डाँट  पड़ेगी, तो उसने कहा ऐसे ही गिर गया था।  उधर गैंडे के पापा  ने भी पुछा तो उसने भी यही जवाब दिया।  पर उन दोनों मम्मी पापा को विश्वास नहीं हुआ।  उन्होंने कहा की ये सब गिरने की चोट तो नहीं है। चलो दिखाओ कहा गिरे थे।  तो बैल अपनी मम्मी को और गैंडा अपने पापा को ले के आये।  वो दोनों फिर रास्ते में मिले और उन्होंने आपस में बात की कि जरूर ये दोनों बच्चे लड़ाई कर रहे होंगे तभी चोट लगी है इतनी।  बैल और गैंडे को फिर से डांट  पड़ी अपने मम्मी और पापा  से।   फिर मम्मी और पापा ने कहा की चलो दोस्ती करो और खबरदार जो कभी किसी से लड़ाई की।  उन दोनों ने भी सोचा की एक तो लड़ाई कर के इतनी चोट लगी और ऊपर से डाँट भी पड़ी तो हम दोस्त ही बन जाते हैं और उन दोनों ने दोस्ती कर ली।  फिर वो आपस में खेलने लगे।

वो खेल रहे थे तभी  वहां एक बाघ (tiger) आया।  वो बड़े ही गुस्से वाला था।  उसने कहा गैंडे और बैल, मैं तुमसे लड़ाई करूँगा और तुम दोनों को हरा दूंगा।  बैल को बड़ा गुस्सा आया और उसने उस बाघ को ज़ोर से सींग मार दी (ढूस  दिया ) . बाघ गिर पड़ा और उसे खूब चोट आयी।  उसने कहा मैं  अभी अपने दोस्त शेर (lion) को ले के आता  हूँ।  वो बताएगा तुम दोनों को।  फिर वो बाघ शेर के पास गया और बोला  देखो एक बैल ने मुझे मारा, और बैल और गैंडा खेल रहे हैं।  शेर को भी गुस्सा आ गया।  वो गया वह जहा दोनों खेल रहे थे और उसने बैल पे हमला कर दिया।  ये देख के गैंडा आया और उसने शेर को जोर से मारा। फिर बैल ने कहा छोड़ दो इसको।  वैसे भी मम्मी ने लड़ाई करने से मन किया है।  फिर उसने शेर और बाघ से कहा अगर तुम दोनों लड़ाई न करो तो तुम भी हमारे दोस्त बन सकते हो।  उन दोनों ने बात मान ली... अब चारो दोस्त बन गए।  उन सब ने खूब खेला खूब खेला।

खेलते खेलते उन्हें प्यास लग गयी।   तो वो सब नदी पे गए।  वह एक मगरमच्छ बैठा था। वो बिलकुल अकेला था उसका कोई दोस्त नहीं था।  उसने इन चारो को देखा तो कहा, मुझे भी अपना दोस्त बना लो, तो इन लोगो ने उसे भी अपना दोस्त बना लिया।

फिर सबको भूख भी लग गयी थी। गैंडे ने नदी  मछलियां पकड़ी खाने लिए,बैल ने तो हरी हरी घास खाई और बाघ और शेर  ने एक शीप (भेड़ ) का शिकार किया।  खा पी के सब अपने अपने घर चले गए। अगले दिन फिर से जो मिलना था उन्हें....

कहानी ख़त्म।

Tuesday, August 30, 2016

ये कल्पना की दुनिया तो बहुत जबरदस्त है और मज़ेदार भी ।  हालांकि चुकलु  और मैं जानवरों की ही कल्पना कर कर के खुश होते हैं, और किसी के लिए टाइम नहीं ।  आज एक नयी कहानी ..... 


एक दुसरे की मदद 


एक बड़े से जंगल में एक छोटा बच्चा भालू रहता था।  उसे शहद खाना  बहुत अच्छा लगता था।  वो पूरे जंगल में घूम घूम के शहद खाता था. एक दिन उसे बहुत भूख लगी हुई थी। उसने खूब ढूँढा, खूब ढूँढा पर उसे शहद कही नहीं मिला।  फिर बहुत दूर तक ढूंढते ढूंढते एक ऊंची पहाड़ी  शहद दिखा। उस पहाड़ी पर तो वो चढ़ ही नहीं पा रहा था, क्योंकि उसकी मम्मी  ने अभी तक उसे पहाड़ चढ़ना नहीं सिखाया था।  अब वो शहद  कैसे खाए?? वो दुखी हो गया. 

तभी  वहा एक खरगोश आया।  उसे पहाड़ी चढ़ना आता था।  भालू ने उससे request की कि वो उसे पहाड़ी से शहद ला दे।  खरगोश बोला, ' मैं कैसे लाऊँ , मुझे तो सब मधुमक्खियां काट लेंगी और फिर मुझे भी भूख लगी है, मैं  तो गाजर ढूंढ रहा था।  नदी के  पास जो गाजर लगी है  मुझसे उखड ही नहीं रही। ' भालू ने उससे बोला, अगर तुम पहाड़ी पे चढ़ के शहद ला दो तो मैं तुम्हारे लिए गाजर उखाड़ दूंगा, मैं तो strong हूँ न।  और मधुमक्खियों से तो बचने का उपाय मैं  कर दूंगा। ' 

तो खरगोश भी खुश हो गया।  उसने बोला ठीक है।  तब भालू ने उसे बड़े बड़े मोटे मोटे पत्तो से ढक  दिया और रस्सी बांध दी, बोला अब मधुमक्खी तुम्हे नहीं काटेगी।  तुम जबतक शहद लाओगे, मैं तब तक जा के गाजर ले आता हूँ। बस भालू गाजर लेने गया और खरगोश  पहाड़ी पर चढ़ गया।  दोनों एक दुसरे के पसंद की चीज़ लाये।  बस दोनों ही खुश हो गए और दोस्त बन गए।  

Wednesday, August 17, 2016


मेरे चुकलु का पशु प्रेम बढ़ता जा रहा है। हर नयी कहानी जानवरो पर ही होती है। अभी नया नया "water animals " सीखा है उसने तो अब उसे व्हेल, शार्क, ऑक्टोपस, केकड़े, मछलियों की कहानी सुननी होती  हैं।  फिर एक नयी कहानी बनायीं... 


आज की कहानी - ऑक्टोपस की बुद्धिमानी 


एक बड़ा सा समुन्दर था।  उसमे बहुत सारी छोटी छोटी मछलियां रहती थीं।  उसी समुन्दर में एक भयानक शार्क रहती थी।  वो हमेशा छोटी मछलियों को खा जाती थी।  सब मछलियां बहुत दुखी थीं। वहीँ उनकी फ्रेंड एक व्हेल मछली भी रहती थी. वो छोटी मछलियों से बहुत प्यार करती थी, उनको खाती  भी नहीं थी  और उनकी दोस्त थी।
सब छोटी मछलियों ने एक दिन व्हेल से कहा ये शार्क तो बहुत परेशान  करती है , कितनी सारी  छोटी मछलियों को खा लिया.... कुछ तो करो ना। .व्हेल ने कहा "ठीक है, मैं  बात करती हु शार्क से " . फिर उसने शार्क को बहुत समझाया की वो मछलियों को परेशान  न करे , पर शार्क नहीं मानी।  अब व्हेल कोभी गुस्सा आ गया। उसने छोटी मछलियों से कहा तुमलोग चिंता मत करो - मेरा एक फ्रेंड है ऑक्टोपस.... वो बहुत इंटेलीजेंट है, मैं उसको बुलाती हु, वो जरूर इस दुष्ट  शार्क को मज़ा चखाएगा।  और उसने ऑक्टोपस को letter  लिख के बुला लिया।

ऑक्टोपस आया  वहां,और उसे एक idea आया।  उसने दो छोटी मछलियों पर खूब सारी  लाल लाल मिर्च लगा दी और कहा अब जाओ , देखना जब शार्क तुम्हे खाने आएगी तो उसका क्या हाल होगा।

अब शार्क को तो ये बात पता नहीं थी. उसने छोटी मछली को देखा तो खाने आई...... और जैसे ही मुह  में डाला उसको खूब ज़ोर का तीखा लगा.... वो तो चिल्लाने लगी और मछली को  भागी। उसने सोचा अब तो यहाँ की सब  गया, और वो उस समुन्दर से भाग गयी।  साड़ी छोटी मछलियां खुश हो गयीं. उन सब ने ऑक्टोपस को थैंक यू बोला और सबने साथ मिल के खूब डांस किया।  

Monday, May 2, 2016


आज की कहानी  -

ये मेरे चुकलू की पसंदीदा कहानियो में से है. मै सुना सुना के थक  गयी पर वो नहीं थका. पता नहीं उसे इसमें क्या पसंद आया है... जो भी है... ये कहानी उसके लिए

बच्चा और बलून


एक बार एक बच्चा अपने पापा के साथ बाजार गया. उन्हें सब्ज़ी खरीदनी थी. बाजार में सब्ज़ी खरीदने के बाद बच्चे ने बोला, पापा पापा मुझे बलून चाहिए. पापा ने बोला इस बाजार में तो बलून नहीं मिलता, चलो हम दूसरी वाली बाजार चलें. फिर उन्होंने एक ऑटो रोक और पापा ने कहा ,  भैया जरा बलून वाली  बाजार चलना. ऑटो वाले ने चलाया  Wrooooom Wrooooom  ..... और वो पहुंच गए. पापा ने पुछा कितने पैसे हुए,  ऑटो वाले ने कहा २० रूपये। पापा ने पैसे दे दिए।

उस बाजार में उन्होंने देखा खूब सारे बैलून्स थे..... लाल, पीले, नीले, सफ़ेद, काले, बैंगनी, .... पापा ने कहां अरे यहाँ तो खूब सारे बलून हैं और मेरे पास तो इतने पैसे भी नहीं हैं !!!! बच्चे ने बोल नहीं पापा, मुझे बस १ बैलून चाहिए, ज्यादा नहीं चाहिए।  फिर पापा दुकान में गए और दुकान वाले भैया से कहा १ बलून देना बड़ा सा।   पुछा कौन से कलर का, तो बच्चे ने बोला रेड कलर का।  फिर दूकान वाले ने बड़े से धागे में एक बड़ा सा रेड बलून दे दिया।  पापा ने दुकान वाले को पैसे दिए। बच्चा खुश हो गया।

फिर वो ऑटो में बैठ के घर आ गए।  घर में बच्चे ने मम्मा को बैलून दिखाया और बताया ये पापा ने दिलाया है।  मम्मा ने प्यार से बच्चे को गले लगा लिया।


कहानी खत्म। 

Monday, February 15, 2016

आज की कहानी 


बकरी और बन्दूक 


एक दिन एक बकरी बाजार जा रही थी।  उसको बाजार से सब्जी और दूध लाना था।  तभी सामने से एक आदमी आता हुआ दिखाई दिया।  उसके हाथ में एक बन्दूक थी।  बकरी को देख के उसने उसे बन्दूक दिखाई और कहा, मै तुम्हे मार दूंगा।  बकरी को गुस्सा आ गया, उसने अपनी सींग से  को ज़ोर से धूसा मार दिया।  आदमी गिर पड़ा, उसकी बंदूक भी गिर गयी। बकरी ने बन्दूक उठा ली और बोली अब मै  तुम्हे मारूँ? बोलो बोलो.....
और बकरी ने उसे फिर एक लात मारी और बन्दूक भी ले के चली गयी।
आदमी को बहुत चोट आई और खून भी निकलने लगा।  वो डॉक्टर के पास गया तो डॉक्टर ने पुछा ये क्या हुआ. आदमी ने बोला मुझे बकरी ने धूसा मार दिया।  डॉक्टर ने पुछा तुम बकरी को परेशान कर रहे थे? आदमी ने कहा नहीं तो।  तभी उसकी नाक लम्बी हो गयी (This has come from pinnochio) . डॉक्टर ने बोला झूठ बोलते हो देखो नाक लम्बी हो गयी।  अब कभी किसी बकरी को परेशान मत करना।  आदमी ने बोला सॉरी सॉरी अब कभी झूठ नहीं बोलूंगा और कभी किसी को परेशान नहीं करूँगा।
डॉक्टर ने उसे पट्टी बंधी और दवाई दे दी।  आदमी अपने घर चला गया।  फिर बकरी ने भी उसकी बन्दूक वापस कर दी।  

Monday, February 8, 2016

Dev ke liye ek aur kahani....

हाथी के केले 

एक बड़ी सी पहाड़ी थी.... उसपर खूब सारे हाथी रहते थे। वो सब मजे से केले खाते थे और खुश रहते थे. एक बार उनके केले खत्म हो गए. राजा हाथी ने कहा चलो पहाड़ी से नीचे चलते हैं और केले ले के आएंगे।  सब धीरे धीरे उतरना। .. तेज़ मत भागना नहीं तो गिर जाओगे।  सब हाथी नीचे उतरने लगे।  एक छोटा हाथी बहुत बदमाश था , वो दौड़ने लगा.... सबने कहा रुको रुको पर उसने नहीं सुना।  और वो धम्मम् से लुढक गया।  उसको बहुत चोट लगी, खून निकलने लगा।
पहाड़ी के नीचे वाले जंगल में बहुत सारे जिर्राफ रहते थे। वो वह के पेड़ की पत्तिया खाया करते थे।  उन्होंने हाथी को गिरते देखा तो दौड़ के वह गए और उस छोटे हाथी को उठा के डॉक्टर जिर्राफ के पास ले गए।  पीछे पीछे बाकि हाथी भी आ गए।  डॉक्टर ने उसे पट्टी बाँधी, सुई लगाई और सुला दिया।
राजा जिर्राफ ने राजा हाथी से पुछा आपलोग यहाँ क्यों आये हो, तो राजा हाथी ने कहा हम यहाँ नदी के पास से केले लेने आये हैं। राजा जिर्राफ ने कहा क्या आप वह से हमारे लिए थोड़े से orange (संतरे ) भी ले आएंगे? छोटा हाथी तब तक यही सोयेगा और आपके आने तक ठीक हो जाएगा।  राजा हाथी ने कहा ठीक है।
फिर सारे हाथी नदी पर चले गए।  वह उन्होंने खूब सारे केले तोड़े और संतरे भी ले लिए।  अब ले के कैसे जाएँ ? झोला तो लाये ही नहीं..... वह बन्दर की एक दुकान थी, सभी हाथियों ने वह से झोले ख़रीदे और सामान उसमे रख लिया।  वापस आ के उन्होंने जिर्राफ को संतरे दे दिए।  जिर्राफ खुश हो गए, उन्होंने हाथियों को बोला थैंक यू।  हाथियों ने भी बोला आपको भी थैंक यू छोटे हाथी का ध्यान रखने के लिए।
सब हाथी ख़ुशी खुशी पहाड़ी पर वापस चले गए।  इस बार छोटे हाथी ने कोई बदमाशी नहीं की। 

Thursday, January 28, 2016

This is for Dev....


My sweet little boy is growing day by day... and its amazing to see him growing.
One of his favorite hobbies is listening to stories from Mumma... Yes, there are stories from Panchatantra, fairy tales, mythological stories, but along with this surprisingly I found out.. we together are pretty good at creating Stories too!!!!
Dev has his own demand... sometimes he wants to listen the story of a cow, sometimes a boy with a balloon, and sometimes a goat that had a gun!!!IMAGINATIONS!!!!
I wish to pen down those stories that we created for him... They are not great stories, but yet they bring a smile to my Chuklu's face...


Today's Story -


गौमाता को भूख लगी 


एक थी गौमाता। वो घर में रहती थी। खाने में घास खाती थी और प्यास लगती थी तो पानी पीती थी.
रात में वो अपने घर में सोती थी. एक दिन जब सुबह सो के उठी तो उसे भूख लगी पर उसने मन में सोचा मुझे घास नहीं खाना , मुझे रोटी खाना है.... कहा से खाऊ ????

फिर वो बगल वाली आंटी क घर गयी.... उसने आंटी से पुछा, "आंटी रोटी है क्या???" आंटी ने कहा हाँ हाँ रोटी है, अंदर आ जाओ गौमाता।  वो अंदर जा के सोफे पर बैठ गयी। आंटी किचन में गयी, उन्होंने रोटी बनायीं, उसपर घी डाला, गुड़ डाला और गौमाता को दे दिया। गोमाता खुश हो गयी। उसने पेट भर के रोटी खायी और आंटी से कहा, थैंक यू आंटी... आंटी ने कहा वेलकम , फिर आना।

गौमाता अपने घर चली गयी... कहानी खत्म।