Monday, February 15, 2016

आज की कहानी 


बकरी और बन्दूक 


एक दिन एक बकरी बाजार जा रही थी।  उसको बाजार से सब्जी और दूध लाना था।  तभी सामने से एक आदमी आता हुआ दिखाई दिया।  उसके हाथ में एक बन्दूक थी।  बकरी को देख के उसने उसे बन्दूक दिखाई और कहा, मै तुम्हे मार दूंगा।  बकरी को गुस्सा आ गया, उसने अपनी सींग से  को ज़ोर से धूसा मार दिया।  आदमी गिर पड़ा, उसकी बंदूक भी गिर गयी। बकरी ने बन्दूक उठा ली और बोली अब मै  तुम्हे मारूँ? बोलो बोलो.....
और बकरी ने उसे फिर एक लात मारी और बन्दूक भी ले के चली गयी।
आदमी को बहुत चोट आई और खून भी निकलने लगा।  वो डॉक्टर के पास गया तो डॉक्टर ने पुछा ये क्या हुआ. आदमी ने बोला मुझे बकरी ने धूसा मार दिया।  डॉक्टर ने पुछा तुम बकरी को परेशान कर रहे थे? आदमी ने कहा नहीं तो।  तभी उसकी नाक लम्बी हो गयी (This has come from pinnochio) . डॉक्टर ने बोला झूठ बोलते हो देखो नाक लम्बी हो गयी।  अब कभी किसी बकरी को परेशान मत करना।  आदमी ने बोला सॉरी सॉरी अब कभी झूठ नहीं बोलूंगा और कभी किसी को परेशान नहीं करूँगा।
डॉक्टर ने उसे पट्टी बंधी और दवाई दे दी।  आदमी अपने घर चला गया।  फिर बकरी ने भी उसकी बन्दूक वापस कर दी।  

Monday, February 8, 2016

Dev ke liye ek aur kahani....

हाथी के केले 

एक बड़ी सी पहाड़ी थी.... उसपर खूब सारे हाथी रहते थे। वो सब मजे से केले खाते थे और खुश रहते थे. एक बार उनके केले खत्म हो गए. राजा हाथी ने कहा चलो पहाड़ी से नीचे चलते हैं और केले ले के आएंगे।  सब धीरे धीरे उतरना। .. तेज़ मत भागना नहीं तो गिर जाओगे।  सब हाथी नीचे उतरने लगे।  एक छोटा हाथी बहुत बदमाश था , वो दौड़ने लगा.... सबने कहा रुको रुको पर उसने नहीं सुना।  और वो धम्मम् से लुढक गया।  उसको बहुत चोट लगी, खून निकलने लगा।
पहाड़ी के नीचे वाले जंगल में बहुत सारे जिर्राफ रहते थे। वो वह के पेड़ की पत्तिया खाया करते थे।  उन्होंने हाथी को गिरते देखा तो दौड़ के वह गए और उस छोटे हाथी को उठा के डॉक्टर जिर्राफ के पास ले गए।  पीछे पीछे बाकि हाथी भी आ गए।  डॉक्टर ने उसे पट्टी बाँधी, सुई लगाई और सुला दिया।
राजा जिर्राफ ने राजा हाथी से पुछा आपलोग यहाँ क्यों आये हो, तो राजा हाथी ने कहा हम यहाँ नदी के पास से केले लेने आये हैं। राजा जिर्राफ ने कहा क्या आप वह से हमारे लिए थोड़े से orange (संतरे ) भी ले आएंगे? छोटा हाथी तब तक यही सोयेगा और आपके आने तक ठीक हो जाएगा।  राजा हाथी ने कहा ठीक है।
फिर सारे हाथी नदी पर चले गए।  वह उन्होंने खूब सारे केले तोड़े और संतरे भी ले लिए।  अब ले के कैसे जाएँ ? झोला तो लाये ही नहीं..... वह बन्दर की एक दुकान थी, सभी हाथियों ने वह से झोले ख़रीदे और सामान उसमे रख लिया।  वापस आ के उन्होंने जिर्राफ को संतरे दे दिए।  जिर्राफ खुश हो गए, उन्होंने हाथियों को बोला थैंक यू।  हाथियों ने भी बोला आपको भी थैंक यू छोटे हाथी का ध्यान रखने के लिए।
सब हाथी ख़ुशी खुशी पहाड़ी पर वापस चले गए।  इस बार छोटे हाथी ने कोई बदमाशी नहीं की।