Tuesday, August 30, 2016

ये कल्पना की दुनिया तो बहुत जबरदस्त है और मज़ेदार भी ।  हालांकि चुकलु  और मैं जानवरों की ही कल्पना कर कर के खुश होते हैं, और किसी के लिए टाइम नहीं ।  आज एक नयी कहानी ..... 


एक दुसरे की मदद 


एक बड़े से जंगल में एक छोटा बच्चा भालू रहता था।  उसे शहद खाना  बहुत अच्छा लगता था।  वो पूरे जंगल में घूम घूम के शहद खाता था. एक दिन उसे बहुत भूख लगी हुई थी। उसने खूब ढूँढा, खूब ढूँढा पर उसे शहद कही नहीं मिला।  फिर बहुत दूर तक ढूंढते ढूंढते एक ऊंची पहाड़ी  शहद दिखा। उस पहाड़ी पर तो वो चढ़ ही नहीं पा रहा था, क्योंकि उसकी मम्मी  ने अभी तक उसे पहाड़ चढ़ना नहीं सिखाया था।  अब वो शहद  कैसे खाए?? वो दुखी हो गया. 

तभी  वहा एक खरगोश आया।  उसे पहाड़ी चढ़ना आता था।  भालू ने उससे request की कि वो उसे पहाड़ी से शहद ला दे।  खरगोश बोला, ' मैं कैसे लाऊँ , मुझे तो सब मधुमक्खियां काट लेंगी और फिर मुझे भी भूख लगी है, मैं  तो गाजर ढूंढ रहा था।  नदी के  पास जो गाजर लगी है  मुझसे उखड ही नहीं रही। ' भालू ने उससे बोला, अगर तुम पहाड़ी पे चढ़ के शहद ला दो तो मैं तुम्हारे लिए गाजर उखाड़ दूंगा, मैं तो strong हूँ न।  और मधुमक्खियों से तो बचने का उपाय मैं  कर दूंगा। ' 

तो खरगोश भी खुश हो गया।  उसने बोला ठीक है।  तब भालू ने उसे बड़े बड़े मोटे मोटे पत्तो से ढक  दिया और रस्सी बांध दी, बोला अब मधुमक्खी तुम्हे नहीं काटेगी।  तुम जबतक शहद लाओगे, मैं तब तक जा के गाजर ले आता हूँ। बस भालू गाजर लेने गया और खरगोश  पहाड़ी पर चढ़ गया।  दोनों एक दुसरे के पसंद की चीज़ लाये।  बस दोनों ही खुश हो गए और दोस्त बन गए।  

Wednesday, August 17, 2016


मेरे चुकलु का पशु प्रेम बढ़ता जा रहा है। हर नयी कहानी जानवरो पर ही होती है। अभी नया नया "water animals " सीखा है उसने तो अब उसे व्हेल, शार्क, ऑक्टोपस, केकड़े, मछलियों की कहानी सुननी होती  हैं।  फिर एक नयी कहानी बनायीं... 


आज की कहानी - ऑक्टोपस की बुद्धिमानी 


एक बड़ा सा समुन्दर था।  उसमे बहुत सारी छोटी छोटी मछलियां रहती थीं।  उसी समुन्दर में एक भयानक शार्क रहती थी।  वो हमेशा छोटी मछलियों को खा जाती थी।  सब मछलियां बहुत दुखी थीं। वहीँ उनकी फ्रेंड एक व्हेल मछली भी रहती थी. वो छोटी मछलियों से बहुत प्यार करती थी, उनको खाती  भी नहीं थी  और उनकी दोस्त थी।
सब छोटी मछलियों ने एक दिन व्हेल से कहा ये शार्क तो बहुत परेशान  करती है , कितनी सारी  छोटी मछलियों को खा लिया.... कुछ तो करो ना। .व्हेल ने कहा "ठीक है, मैं  बात करती हु शार्क से " . फिर उसने शार्क को बहुत समझाया की वो मछलियों को परेशान  न करे , पर शार्क नहीं मानी।  अब व्हेल कोभी गुस्सा आ गया। उसने छोटी मछलियों से कहा तुमलोग चिंता मत करो - मेरा एक फ्रेंड है ऑक्टोपस.... वो बहुत इंटेलीजेंट है, मैं उसको बुलाती हु, वो जरूर इस दुष्ट  शार्क को मज़ा चखाएगा।  और उसने ऑक्टोपस को letter  लिख के बुला लिया।

ऑक्टोपस आया  वहां,और उसे एक idea आया।  उसने दो छोटी मछलियों पर खूब सारी  लाल लाल मिर्च लगा दी और कहा अब जाओ , देखना जब शार्क तुम्हे खाने आएगी तो उसका क्या हाल होगा।

अब शार्क को तो ये बात पता नहीं थी. उसने छोटी मछली को देखा तो खाने आई...... और जैसे ही मुह  में डाला उसको खूब ज़ोर का तीखा लगा.... वो तो चिल्लाने लगी और मछली को  भागी। उसने सोचा अब तो यहाँ की सब  गया, और वो उस समुन्दर से भाग गयी।  साड़ी छोटी मछलियां खुश हो गयीं. उन सब ने ऑक्टोपस को थैंक यू बोला और सबने साथ मिल के खूब डांस किया।