आज की कहानी -
ये मेरे चुकलू की पसंदीदा कहानियो में से है. मै सुना सुना के थक गयी पर वो नहीं थका. पता नहीं उसे इसमें क्या पसंद आया है... जो भी है... ये कहानी उसके लिएबच्चा और बलून
एक बार एक बच्चा अपने पापा के साथ बाजार गया. उन्हें सब्ज़ी खरीदनी थी. बाजार में सब्ज़ी खरीदने के बाद बच्चे ने बोला, पापा पापा मुझे बलून चाहिए. पापा ने बोला इस बाजार में तो बलून नहीं मिलता, चलो हम दूसरी वाली बाजार चलें. फिर उन्होंने एक ऑटो रोक और पापा ने कहा , भैया जरा बलून वाली बाजार चलना. ऑटो वाले ने चलाया Wrooooom Wrooooom ..... और वो पहुंच गए. पापा ने पुछा कितने पैसे हुए, ऑटो वाले ने कहा २० रूपये। पापा ने पैसे दे दिए।
उस बाजार में उन्होंने देखा खूब सारे बैलून्स थे..... लाल, पीले, नीले, सफ़ेद, काले, बैंगनी, .... पापा ने कहां अरे यहाँ तो खूब सारे बलून हैं और मेरे पास तो इतने पैसे भी नहीं हैं !!!! बच्चे ने बोल नहीं पापा, मुझे बस १ बैलून चाहिए, ज्यादा नहीं चाहिए। फिर पापा दुकान में गए और दुकान वाले भैया से कहा १ बलून देना बड़ा सा। पुछा कौन से कलर का, तो बच्चे ने बोला रेड कलर का। फिर दूकान वाले ने बड़े से धागे में एक बड़ा सा रेड बलून दे दिया। पापा ने दुकान वाले को पैसे दिए। बच्चा खुश हो गया।
फिर वो ऑटो में बैठ के घर आ गए। घर में बच्चे ने मम्मा को बैलून दिखाया और बताया ये पापा ने दिलाया है। मम्मा ने प्यार से बच्चे को गले लगा लिया।
कहानी खत्म।
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